युवा न्याय मतलब रोज़गार क्रांति

हमारे देश की आधी से अधिक आबादी 30 वर्ष से कम उम्र की है। उनकी ऊर्जा का उपयोग देश को आगे बढ़ाने और देश के उज्जवल भविष्य के लिए किया जाना चाहिए। इस अवसर का लाभ उठाने का अर्थ है कि सभी के लिए स्थाई रोज़गार की व्यवस्था बनाई जाए और रोजगार के समान अवसर प्रदान किए जाएं।

भारत के पास एक अद्वितीय शक्ति है। भारत में सबसे बड़ी युवा आबादी है। ये तो हम सभी को पता है कि जिस देश में खाने वालों से ज्यादा कमाने हों तो उसके विकास से कोई रोक नहीं सकता। आज के समय में हमारा देश ऐसी ही स्थिति में हैं जहां बच्चे और बुजुर्गों से ज्यादा जनसंख्या युवा की है। ऐसे में हमारे देश के आर्थिक विकास की असीम संभावनाएं हैं। हालांकि ये मौका सीमित समय के लिए ही है और दोबारा मिलेगा भी नहीं। 2050 के बाद, हमारे आज के यही युवा, कल के वृद्ध बन जाएंगे। नतीजतन भारत के पास अब खाने वाले ज्यादा और कमाने वाले कम होंगे। इसलिए, अगले 25 वर्ष भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इन 25 वर्षों में भारत को तेजी से विकास करना होगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ये विकास सभी तक पहुंचे, ताकि हमारा व्यक्तिगत और सामूहिक भविष्य सुरक्षित हो सके।

करोड़ों भारतीय युवाओं के सपने और जीवन, राष्ट्र के आर्थिक भविष्य पर निर्भर करते हैं। कांग्रेस अपनी युवा पीढ़ी को उम्मीदों भरा एक भविष्य देने के लिए प्रतिबद्ध है। एक ऐसा भविष्य जो हर नई पीढ़ी के अतित से बेहतर हो। आख़िर, आर्थिक विकास का फायदा ही क्या है अगर ये सभी के लिए नहीं है? अगर सभी का जीवन स्तर नहीं सुधारा? लोगों की अपेक्षाओं और अकांक्षाओं को पूरा नहीं किया।

अफसोस की बात है कि, भाजपा देश के नौजवानों के लिए इस तरह की न तो सोच रखती है न ही ऐसा कुछ करने का उनका इरादा है। भाजपा युवा भारत के लिए इस दृष्टिकोण को साझा नहीं करती है। पीएम मोदी के नारे और भाषण केवल जुबानी जमाखर्च हैं जिसके जरिए वो देश की इस सच्चाई को छिपाने की पुरजोर कोशिश करते हैं कि पिछले एक दशक में, हमारे युवाओं का भविष्य अधंकार की ज़द में ही गया है और उनके सामने एक अंधकारमय भविष्य है।

मोदी सरकार के दस साल में हर युवा को नौकरी देने के लिए हर साल 1.2 करोड़ नौकरियों की जरूरत थी। ये आंकड़ा देश की कृषि में लगी जनसंख्या से इतर है। हालांकि, मोदी सरकार इसका आधा आंकड़ा भी नहीं छू पाई। यही वजह है कि आज देश में एक गंभीर संकट पैदा हो गया है। देश में पहली बार, पिछले दशक में 6 करोड़ भारतीयों को कृषि की तरफ वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। आज, 20-24 साल की आयु वाले 44.5% युवा बेरोजगार हैं। ये आंकड़ा डराने वाला है क्योंकि हमारे यहां पर राष्ट्रीय बेरोजगारी दर पहले ही 8.7% के उच्च स्तर पर है। ये आंकड़ा इस 8.7% से भी 5 गुना ज्यादा है।

सरकार में, कॉर्पोरेट कंपनियों में, या स्टार्टअप्स में नौकरियां उपलब्ध नहीं हैं। 2014 से, 22 करोड़ युवाओं ने सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन किया है, जबकि केंद्र सरकार के मंत्रालयों में 10 लाख नौकरियां खाली हैं। 2017 के बाद से विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार आधा हो गया है, और निर्माण और रियल एस्टेट सेक्टर भी सिकुड़ गए हैं। हाल फिलहाल में आईटी सेक्टर से भी गंभीर खबरें आ रही हैं। आईटी सेक्टर की कंपनियों ने केवल 70,000 लोगों को काम पर रखा है। ये आंकड़ा 2022 में 6 लाख के उच्चतम स्तर से लगभग 90% कम है। अब क्योंकि सरकार पर्याप्त नौकरियां दे नहीं पा रही है, तो प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि देश के युवा पकौड़े तलें और बेचें। और ये सुझाव पीएम तब देते हैं जब देश में खुद का व्यवसाय करने वाले लोगों की आय नौकरी करने वालों से 34% कम है। मोदी सरकार की नीतियां, युवाओं के बीच अवसरों को बढ़ावा देने में असफल रही है, जिससे युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया जा सकता है। असाधारण प्रतिभा और महत्वाकांक्षा के धनी होने के बावजूद ये सरकार उन्हें नज़रअंदाज़ कर रही है। ये सरकार देश की आर्थिक वृद्धि के बारे में बड़ी बड़ी बातें करके खुद की पीठ तो लगातार थपथपाती रहती है, लेकिन इसमें हमारे युवा की सच्चाई छुपा ली जाती है। ये नहीं बताया जाता कि जो बड़े बड़े दावे सरकार कर रही है उसमें युवाओं को क्या मिला है।

संकट के इस क्षण में, युवाओं और राष्ट्र के कल्याण के लिए, हमें एकजुट होकर खड़ा होना होगा। हमें साहसी, निर्णायक, और रचनात्मक कदम उठाने होंगे। हमें एक रोज़गार क्रांति की आवश्यकता है।

इस रोजगार क्रांति को लाने के लिए, कांग्रेस ने सरकारी, निजी क्षेत्र और स्टार्टअप में रोजगार के लिए एक व्यापक योजना बनाकर भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने का बीड़ा उठाया है।

बहुत से युवा अब भी सरकारी नौकरियों की चाह रखते हैं। इस बात की पुष्टि सरकारी भर्तियों में आवेदन करने वाले की संख्या से होता है। भर्ती भरोसा 30 लाख रिक्तियों को भरने की गारंटी है। ये रिक्तियां तय कैलेंडर के अनुसार भरी जाएगी। हम मौजूदा रिक्तियों को भरने की शुरुआत तत्काल कर देंगे। हम नई नौकरियां भी बनाएंगे - खासकर स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों में ये रिक्तियां होंगी।

पिछले दशक में, विभिन्न सरकारी वैकेंसी की परीक्षा में होने वाली पेपर लीक की समस्या ने भी करोड़ों युवाओं के भविष्य पर संदेह खड़ा कर दिया है। पेपर लीक से मुक्ति हमारी अगली गारंटी है। हम एक नया कानून बनाकर विश्वसनीय ढंग से परीक्षा प्रक्रिया करेंगे ताकि पेपर लीक जैसी घटनाओं को बंद किया जा सके। इस कानून में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों को सिर्फ दंड का ही प्रावधान नहीं होगा, बल्कि इसके जरिए कड़ी प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी, जिससे पेपर लीक को रोका जाए और युवाओं के वर्षों की कड़ी मेहनत को ज़ाया न होने दिया जाए।

कई युवा निजी क्षेत्र में करियर बनाना पसंद करते हैं। हालांकि, यहां भी युवाओं के सामने नौकरी की सीमित संख्या होने के कारण कड़ी चुनौती होती है। कार्यानुभव की कमी या फिर सही नेटवर्क का पता न होना जैसे और भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। युवाओं को इन चुनौतियों से राहत देने के लिए, हम पहली नौकरी पक्की गारंटी लेकर आए हैं। इसके तहत 25 वर्ष से कम उम्र के डिप्लोमा या डिग्री धारकों को सरकार की तरफ से ₹1 लाख प्रति वर्ष का वजीफा देने की भी गारंटी है। युवाओं के लिए यह योजना रोजगार, आत्मविश्वास, अनुभव के साथ साथ कामकाज सीखने का भी मौका मिलेगा। इस योजना के जरिए देश को प्रशिक्षित और अनुभवी कर्मचारी की उपलब्धता बढ़ेगी।

निजी क्षेत्र में, 1.2 करोड़ युवा गिग अर्थव्यवस्था के हिस्सा बन चुके हैं। गिग अर्थव्यवस्था मतलब डिलीवरी पार्टनर्स, टैक्सी चालक आदि के रूप में काम करने वाले युवा। ऐसे युवा को न तो सामाजिक सुरक्षा मिलती है, और न ही उनके स्वास्थ्य का ही ख्याल रखा जाता है। गिग वर्कर सामाजिक सुरक्षा गारंटी, कानूनी तौर पर, गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा और पेंशन लाभ प्रदान करेगा। कांग्रेस ये काम राजस्थान में कर चुकी है इसे पूरे देश में लागू करेगी।

अंततः, उद्यमिता/ अपना बिजनेस युवाओं के लिए एक आकर्षक विकल्प है। हालांकि, आज के समय में हमारे देश में स्टार्टअप योजनाएं बहुत जटिल हैं और शहरी आईटी व्यवसायों तक ही सीमित हैं। युवा रोशनी गारंटी के जरिए कांग्रेस पार्टी देश में स्टार्ट-अप की फंडिंग के लिए क्रांतिकारी कदम उठाने वाली है। इसके लिए राष्ट्रीय कोष से 5,000 करोड़ रुपये देश के हर जिले को आवंटित किया जाएगा। देश के स्टार्ट-अप कल्चर में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। हम देश के हर कोने में युवा भारत की उद्यमशीलता की भावना का समर्थन करते हैं उसको आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे न सिर्फ स्थानीय बिजनेस को नई ऊंचाई मिलेगी बल्कि लोगों में आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

देश के युवाओं को कांग्रेस की गारंटी एक ऐसे भारत के हमारे दृष्टिकोण को दर्शाती है जहां विकास और समृद्धि सभी के लिए है। हमारा मानना है कि भारत के युवा इस दृष्टिकोण के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसीलिए हमने सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और बिजनेस में युवाओं के लिए रोजगार क्रांति लाकर इस दृष्टिकोण को साकार करने की गारंटी दी है। हम भारत और उसके युवाओं के भविष्य को बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं; ये गारंटी उनके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।