मोदी ने भारत को बर्बाद करके रख दिया है। किसानों, युवाओं, महिलाओं और अल्पसंख्यकों से किए झूठे वादों, ग़लत आर्थिक फ़ैसलों और विभाजनकारी नीतियों ने देश को उजाड़ने का काम किया है। नोटबंदी से लेकर कोविड प्रबंधन तक हर जगह चूक की। नफ़रत की राजनीति कर अपराधों को बढ़ावा दिया, धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किया। महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध बढ़े, बेरोज़गारी और महंगाई बढ़ी। मोदी की ग़लतियों के कारण आज भारत का भविष्य ख़तरे में है।
2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही भारत के लोकतंत्र में तेज़ी से गिरावट आई है। नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में लोकतांत्रिक संस्थानों को अपने क़ब्ज़े में कर, जनादेश की चोरी कर, मीडिया और विपक्ष का दमन और संवैधानिक मानदंडों की अवमानना कर देश के लोकतंत्र को लज्जित किया है। दुनिया के सामने "मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी" का ढोंग रचाना और अपने देश के अंदर लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों को कुचलना। इस सरकार को इतिहास हमेशा लोकतंत्र की हत्यारी सरकार के रूप में याद रखेगा।
आप मोदी के 10 साल और कांग्रेस के कार्यकाल के बीच तुलना करके देखिए। हमारा देश कांग्रेस शासन के दौरान हर मामले में बेहतर था। चाहे वो अर्थव्यवस्था हो, सामाजिक न्याय हो, ग़रीबी उन्मूलन हो, महिला या किसान कल्याण हो या फिर सामाजिक एकता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता हो।
मोदी की चुप्पी का मतलब: महिला पहलवानों को सड़कों पर घसीटा गया जबकि यौन शोषण का आरोपी भाजपा सांसद खुलेआम घूम रहा है।
मणिपुर महीनों से जल रहा है, वहाँ की महिलाओं पर घोर अत्याचार हुए मगर प्रधानमंत्री ने उधर एक बार झांककर भी नहीं देखा। बात साफ़ है कि देशवासियों के दर्द के लिए प्रधानमंत्री के दिल में कोई जगह नहीं।