झूठ की श्रेणी

क्रम lies सच
1. किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। कृषि से होने वाली आय में 11.7% की गिरावट (2012-13 और 2018-19 के बीच)
2. किसान अब कभी आत्महत्या करने को मजबूर नहीं होंगे। हर दिन औसतन 30 किसान और कृषि श्रमिक आत्महत्या करते हैं।
3. किसानों को न लोन लेने की ज़रूरत होगी, न किसी साहूकार से उधार लेने की मजबूरी। 2013 के मुक़ाबले प्रति किसान लोन का बोझ औसतन बढ़ा।
4. कृषि बजट में ₹1.25 लाख करोड़ की वृद्धि पिछले 5 सालों में कृषि मंत्रालय ने ₹1 लाख करोड़ का उपयोग ही नहीं किया
5. प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना यानी हर किसान की सुरक्षा प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना से ₹40,000 करोड़ का फ़ायदा प्राइवेट बीमा कंपनियों को हुआ, किसानों को नहीं
6. निर्यात से किसानों की आमदनी बढ़ाएंगे 2014 से सरकार ने निर्यात बंद कर आयात बढ़ाया है, जिससे किसानों को भारी नुक़सान हुआ है
7. सरकार छोटे किसानों के हित में काम करती है 2020 का किसान क़ानून अदानी जैसे बड़े बिज़नेसमैन की मदद करता है, किसानों की नहीं
8. भूमि अधिग्रहण में सरकार किसानों के साथ न्याय करेगी 2015 भूमि अधिग्रहण क़ानून में किसानों के सारे हक़ मार दिये गए
9. किसानों से किया हर वादा अधूरा। बिना सहमति के 3 काले क़ानून पारित किए।
10. आंदोलन में 700 किसानों की मृत्यु के बाद मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य क़ानून लाने का वादा किया। अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने का कोई क़ानून नहीं बना।
11. विदेशों से काला धन लाएंगे एक रुपया तक वापस नहीं आया
12. हर साल 2 करोड़ रोज़गार पिछले 45 साल में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी है आज
13. 2022 तक ग़रीबी ख़त्म
  • भूखा सोने वाले गरीबों की संख्या
  • 2018 में 19 करोड़
  • 2022 में 35 करोड़
14. गिरते रुपए की गरिमा बढ़ाएंगे
  • 2013 - $1 = ₹54.73
  • 2024 - $1 = ₹83.01
15. ज़ीरो डिफेक्ट, ज़ीरो इफेक्ट: मेक इन इंडिया ना काम, ना कमाई, ना रोज़गार!
16. पेट्रोल की क़ीमत होगी कम
  • पेट्रोल की कीमतें
  • 2014 ₹71 प्रति लीटर
  • 2024 ₹97 प्रति लीटर
17. महंगाई ख़त्म करेंगे
  • एलपीजी सिलिंडर - 120%
  • सरसों का तेल - 59%
  • आटा - 59%
  • दूध - 71%
18. नोटबंदी से काले धन का ख़ात्मा 99.3% डीमॉनीटाईज्ड पैसा बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गया
19. हर अकाउंट में 15 लाख किसी भी भारतीय के खाते में आज तक 15 लाख नहीं आए
20. आयुष्मान भारत योजना से मिलेगा हर गरीब को मुफ्त इलाज। इलाज पर खर्च के कारण हर साल 5.5 करोड़ लोग गरीबी में चले जाते हैं। योजना के तहत सूचीबद्ध एक तिहाई से अधिक अस्पताल निष्क्रिय हैं।
21. हमने भारत में लोकतंत्र को मज़बूत बनाया है कमज़ोर लोकतंत्र वाले टॉप 10 देशों की सूची में पहुंचा भारत।
22. भारत की विविधता उसके सशक्त लोकतंत्र की पहचान है हिन्दी राष्ट्रीय भाषा के रूप में थोपी जा रही है
23. हम विकसित भारत बनाने के लिए राज्य सरकारों को सशक्त करेंगे राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप, GST से आय में की कटौती।
24. भारत में अल्पसंख्यों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं है 2016-2020 के बीच 3400 सांप्रदायिक दंगे हुए
25. हमारी सरकार के लिए संविधान एक पवित्र किताब है संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द हटाए।
26. हम स्वतंत्र और जीवंत पत्रकारिता के पक्ष में हैं 154 पत्रकारों को धमकाया और गिरफ़्तार किया, 198 बार हमले
27. मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस नोटबंदी, आए दिन GST में बदलाव, बार बार इंटरनेट बंद कराते हैं।
28. जनता की उम्मीद और देश की नींव को मज़बूत करने के लिए संसद एक महत्वपूर्ण मंच है 2023 में विपक्ष के 146 सांसदों को निष्कासित किया गया
29. भारत के सपने को पूरा करने के लिए मज़बूत और निरपेक्ष न्यायपालिका ज़रूरी है पिछले 5 सालों में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज में से 21% सेवानिवृति के बाद किसी ना किसी रूप में सरकारी भूमिका में है
30. देश में मज़बूत विपक्ष की ज़रूरत है। झूठे केस लगा कर विपक्ष को परेशान करो, कांग्रेस के बैंक अकाउंट को बेतुके कारणों से फ्रीज़ करो।
31. महिलाओं की गरिमा मेरी पहली प्राथमिकता है हाथरस सामूहिक बलात्कार - सरकार ने सुबूत मिटाने के लिए परिवार की सहमति के बिना पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। प्रधानमंत्री इस पर चुप रहे।
32. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर पहलवान साक्षी मलिक को यौन उत्पीड़न करने वाले भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने से रोकने के लिए दिल्ली की सड़कों पर घसीटा गया।
33. मैंने हमेशा लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता दी है। कर्नाटक में भाजपा द्वारा हिजाब पर लगाया गया प्रतिबंध मुस्लिम लड़कियों के शिक्षा के अधिकार का हनन है।
34. महिलाओं को सशक्त और मज़बूत बनाने के लिए चुना गया
  • बिल कम से कम 2029 तक प्रभावी नहीं होगा।
  • 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की केवल 12% उम्मीदवार महिलाएं थीं (437 में से 53)
35. महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध एक राष्ट्र के रूप में हमारे लिए सबसे बड़ी शर्म की बात है एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, मोदी सरकार में 2022 तक महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के लगभग 35 लाख मामले दर्ज किए गए।
36. देश में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी कई गुना बढ़ी है बिना वेतन मज़दूरी करने वाली महिलाओं (15-19 वर्ष आयु) की संख्या 37.9% से बढ़कर हुई 50.8%.
37. हम मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़े हैं गुजरात की भाजपा सरकार में, बिलकिस बानो बलात्कार मामले के 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया। और उनका फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया।
38. ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हमारी प्राथमिकता है केंद्र पर मनरेगा के लिए 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रमिकों के वेतन का ₹6,366 करोड़ बकाया है, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं हैं।
39. महिलाओं और उनकी ताक़त का सम्मान हमारी संस्कृति में निहित है मणिपुर में महिलाओं पर हमले हुए, सामूहिक बलात्कार हुए, उनकी हत्याएं हुई। वे मदद की लिए चिल्लाई, लेकिन प्रधानमंत्री के पास उनके लिए समय नहीं है।
40. आइए हम लड़कियों को सशक्त बनाएं। आईआईटी-बीएचयू की छात्रा से सामूहिक बलात्कार के आरोप में भाजपा आईटी सेल के तीन कार्यकर्ता गिरफ़्तार।
41. उत्तर-पूर्व को मोदी की गारंटी पर भरोसा है मणिपुर हिंसा में 200 की मौत, 1,118 घायल और 70,000 विस्थापित । प्रधानमंत्री ने 2023 में 11 विदेश यात्राएं की, लेकिन हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा आज तक नहीं किया।
42. देश की सुरक्षा पर सियासत क्यों? 2017 में, भारत सरकार ने इज़राइली खुफिया एजेंसी के साथ 2 बिलियन डॉलर की आर्म डील की, जिसमें पेगासस सॉफ्टवेयर भी शामिल था। तब से 40 भारतीय राजनेताओं को जासूसी के लिए निशाना बनाया गया।
43. भारत को दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति बनाएंगे
  • पिछले तीन वर्षों में कोई सेना भर्ती नहीं।
  • सशस्त्र बलों में 1.55 लाख रिक्तियां, सेना के पास 1.36 लाख हैं।
  • 2023-24 के लिए रक्षा बजट जीडीपी के 2% से नीचे चला गया।
44. पुलवामा हमले के बाद, "मेरे प्रत्येक देशवासी के दिल में जो आग है, वह मेरे भीतर भी धधक रही है।” जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का दावा, पुलवामा हमला मोदी सरकार की अनदेखी का नतीजा। सीआरपीएफ को यात्रा के लिए विमान मिलते तो बच जाती 30 जवानों की जान।
45. भारत ने हाल में नई रणनीतिक ताक़त प्राप्त की है और सीमाएं अब पहले से ज्यादा सुरक्षित हैं। चीन अरुणाचल प्रदेश के LAC के पास हर 90 दिन में 300-400 घरों की गति से गांव बना रहा है।
46. न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है। भारत ने पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन के कब्ज़े वाले 65 पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) में से 26 पर अपनी उपस्थिति खो दी है।
47. मैं भारतीय सेना की सिफारिशों पर भरोसा करता हूँ और उन्हें अपनाता हूँ। सेना अग्निवीर योजना में 75% स्थायी कमीशन देना चाहती थी, लेकिन सरकार ने मात्र 25% के लिए मजबूर किया।
48. आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता।
  • भाजपा मंत्री अनुराग ठाकुर पर "गोली मारो" जैसे नारे के साथ हिंसा भड़काने का आरोप है।
  • 2008 के मालेगांव बम विस्फोट में शामिल होने के बावजूद दोषी आतंकवादी प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा सांसद का टिकट दिया गया है।
49. मैंने भारतीय सेना को आधुनिक बनाया है। सेना अग्निवीर योजना में 75% स्थायी कमीशन देना चाहती थी, लेकिन सरकार ने मात्र 25% के लिए मजबूर किया।
50. चीन को लाल आंख दिखायेंगे! चीन के साथ व्यापार 2023 में अब तक के उच्चतम रिकॉर्ड स्तर 136.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है
51. “शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता ये मज़बूती की पहली ज़रूरत है।” मोदी सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को कमज़ोर करने के लिए हरसंभव पैंतरे चलाए हैं।
52. "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास"
  • ● 2014 के बाद से, 8 निजीकृत हवाई अड्डों में से 7 अडानी समूह को दिए गए हैं।
  • अडानी समूह को 13 बंदरगाहों का नियंत्रण दिया गया है, जो भारत के 30% बंदरगाहों और इसकी शिपिंग क्षमता के 40% को दर्शाता है।
53. भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तुष्टिकरण से हमें पूरी ताकत से लड़ना है। बीसीसीआई के शीर्ष पदों पर बैठे एक तिहाई से भी ज़्यादा लोग पूर्व अधिकारियों और प्रसिद्ध राजनीतिक नेताओं के बेटे या रिश्तेदार हैं।
54. भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ है ज़ीरो-टॉलरेंस की सख़्त नीति राफेल, एनयूएलएम घोटाला 2015, 2015 पीडीएस घोटाला, हाउसिंग लोन घोटाला 2015, एडमिशन 2015 घोटाला, चिक्की 2015 घोटाला, केजी बेसिन घोटाला, एनईईटी 2017 घोटाला, नकली मुद्रा
55. भ्रष्टाचार से लड़ना हमारी जनता के प्रति हमारा कर्तव्य सरकार ने अडानी द्वारा 100 अरब डॉलर से अधिक के घोटाले पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के नतीजों को दबाने के लिए हर संभव प्रयास किया।
56. भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में राजनीतिक क़ीमत चुकाने को तैयार
  • पक्षपातों के बदले में कॉर्पोरेट राजनीतिक चंदा (पॉलिटिकल डोनेशन) पाने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना (इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कीम्स) की आलोचना की जाती है।
  • भाजपा को कथित तौर पर चुनावी बॉन्ड के माध्यम से ₹6,564 करोड़ से भी ज़्यादा रूपए मिले।
  • इसी अवधि के दौरान कॉर्पोरेट करों में कटौती के कारण, इससे निगमों को लगभग ₹6 लाख करोड़ का फ़ायदा हुआ।
57. अब हम दोषी भ्रष्ट व्यक्तियों का सार्वजनिक महिमामंडन देख रहे हैं। हिमंत बिस्वा सरमा, नारायण राणे, बीएस येदियुरप्पा और सुवेंदु अधिकारी सहित कई शीर्ष भाजपा नेताओं को भाजपा में शामिल होने और पदोन्नत होने से पहले भ्रष्टाचार की जांच का सामना करना पड़ा। हालांकि, पार्टी में शामिल होने के बाद उनके आरोप हटा दिए गए।
58. हमने भ्रष्टाचार का बड़े पैमाने पर सफ़ाया कर दिया है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वेक्षण के अनुसार, 2020 में एशिया में भारत में समग्र रिश्वतखोरी दर और व्यक्तिगत कनेक्शन का उपयोग करने वाले नागरिकों की दर सबसे अधिक थी।
59. मैं लोगों के बीच प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि प्रधान सेवक के रूप में हाजिर हूँ। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर ₹2000 करोड़ से अधिक खर्च किए गए।
60. मैं राजनीति के लिए नहीं बल्कि देश के विकास के लिए जीता हूं। पीएम मोदी के प्रचार पर करदाताओं के धन से ₹7400 करोड़ से अधिक खर्च किए गए हैं। इसमें 2018 तक पहले चार वर्षों में खर्च किए गए ₹4400 करोड़ और उसके बाद से खर्च किए गए अतिरिक्त ₹3000 करोड़ शामिल हैं।
61. आरबीआई जैसी संस्थाओं को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। कई पूर्व आरबीआई गवर्नर जैसे उर्जित पटेल और रघुराम राजन, साथ ही विरल आचार्या ने आरबीआई की स्वतंत्रता के कम होने के बारे में चिंताओं को व्यक्त किया है। क्योंकि संस्थान के बोर्ड में आरएसएस की विचारधारा के प्रतिनिधियों की नियुक्ति की जा रही है।
62. महत्वपूर्ण नीतियों और संसाधनों के सही वितरण के लिए अच्छे डेटा की आवश्यकता है। मोदी सरकार ने एक समय दुनिया की सबसे प्रभावशाली सांख्यिकीय प्रणाली में से एक को नष्ट किया। सरकार ने 2017-18 के एनएसएसओ के रोज़गार सर्वेक्षण को जारी नहीं किया, जिसके कारण राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग के आख़िरी दो स्वतंत्र सदस्यों को इस्तीफा देना पड़ा।
63. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया में COVID-19 के ख़िलाफ़ सबसे सफल लड़ाई लड़ी है। 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2021 के बीच, भारत में कोविड से 40.7 लाख जानें गईं। यह विश्व में सबसे ज़्यादा है।
64. आज, दुनिया को ऐसी सरकारों की ज़रूरत है जो पर्यावरण संबंधी चुनौतियों के प्रति गंभीर हों। सरकार ने 1980 के वन (संरक्षण) अधिनियम में "वन" की परिभाषा बदलने का प्रयास किया ताकि कॉर्पोरेट्स को अधिक वनिकृत भूमि मिल सके। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस संशोधन को असंवैधानिक ठहराया है।
65. गरीबों को "सम्मान" और "स्वाभिमान"। डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान 2000 से अधिक गरीब लोगों को छिपाने के लिए आधा किलोमीटर की दीवार बनाई गई थी।
66. BJP ने आदिवासी कल्याण को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी
  • नए वन संरक्षण नियम 2022 आदिवासी समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाल देते हैं।
  • केंद्र सरकार किसी जंगल में रहने वाले आदिवासी समुदायों से परामर्श किए बिना उसे साफ़ करने की अनुमति दे सकती है, जो कि वन अधिकार अधिनियम की आदिवासी समुदायों की मुक्त, पूर्व और सूचित सहमति की आवश्यकता के विपरीत है।
67. नया भारत आधुनिक शिक्षा पर अधिक खर्च कर रहा है राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा के लिए जीडीपी का 6% आवंटित करने की सिफारिश की, लेकिन पिछले दशक में वास्तविक आवंटन 3% से कम रहा।
68. भारत में प्रौद्योगिकी, समानता और सशक्तिकरण का माध्यम है। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक को विपक्ष से परामर्श किए बिना, आरटीआई को ख़तरे में डालते हुए और सरकारी अधिकार के तहत डेटा संरक्षण बोर्ड के नियंत्रण को मज़बूत किए बिना पारित किया गया है।
69. सरकारों का समावेशी होना समय की मांग है। लोगों की बार-बार मांग और विरोध के बावजूद केन्द्र सरकार ने लद्दाख एवं जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया।
70. हमने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए काम किया, उन्हें एक पहचान दी। ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स बिल 2019 को ट्रांस समुदाय से किसी को भी शामिल किए बिना तैयार किया गया था और यह ट्रांस लोगों के मूल अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहा।
71. 2014 में पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में, नरेन्द्र मोदी ने राज्यों को अधिक स्वायत्तता देने का वादा किया था। 2016 में, जीएसटी ने राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता को कम किया। केंद्र को जीएसटी परिषद में अनुपातहीन मताधिकार देकर।
72. दुनिया देख रही है, कई देशों के साथ हमारे संबंध अब कितने मजबूत हैं।
  • फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और यूके में भारत के प्रति अनुकूल विचारों में 10% अंक की गिरावट आई है। जिसमें सबसे उल्लेखनीय गिरावट फ्रांस में अब 70% (2008 में) से घटकर अब 39% हो गई है।
  • बांग्लादेश और मलेशिया ने CAA की सार्वजनिक आलोचना की, जबकि अमेरिका, यूके, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे कईं अन्य देशों ने यात्रा चेतावनियां जारी की हैं।
73. 2022 तक रेलवे/पहली बुलेट ट्रेन को बदल देंगे अब तक कोई बुलेट ट्रेन नहीं। करोड़ों भारतीय लोगों का पैसा खर्च कर केवल महंगी ट्रेन सर्विस को बढ़ावा दिया जा रहा है। आम भारतीय लोग लेट होती भीड़ भरी ट्रेन में सफर को मजबूर।
74. भारत न केवल सहिष्णु है बल्कि विविधता का जश्न भी मनाता है। भाजपा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने की कोशिश करके भारत की भाषाई विविधता को कमज़ोर कर रही है।
75. जाति, पंथ या धर्म के आधार पर भेदभाव के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं है। 2022 में एससी के खिलाफ अपराध में 13% और एसटी के खिलाफ 14.3% की वृद्धि हुई। भारत की विविधता और अल्पसंख्यक हितों को कमजोर करने के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की आलोचना की जाती है। डॉ. जस्टिस बीएस चौहान के नेतृत्व में विधि आयोग ने भारत की एकता को बनाए रखने में सांस्कृतिक विविधता के महत्व का हवाला देते हुए इसके कार्यान्वयन के प्रति आगाह किया।
76. भारत की सबसे बड़ी ताकत है भरोसा। हर एक पर और सरकार पर भी। यह भरोसा भारत की नीतियों और प्रथाओं पर लागू होता है। किसानों, युवाओं, महिलाओं, ओबीसी, एससी, एसटी ने मोदी सरकार के टूटे वादों और अक्षमता के कारण उन पर भरोसा खो दिया है।
77. बहुत ही कम समय में, हम संघीय ढांचे के भीतर एक सुचारु, लगातार कार्य तंत्र स्थापित करने में सक्षम हुए हैं। मोदी सरकार ने राज्य की विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को अनिश्चित काल तक विलंबित करने के लिए राज्यपालों का दुरुपयोग किया है।
78. हमने जो भी व्यवस्था बनाई, जो भी निर्णय लिए, हमेशा अपने आप से पूछते हैं कि क्या वे भारत की एकता और अखंडता को मज़बूत करते हैं। मणिपुर में 200 से अधिक लोग मारे गए और 75,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, फिर भी भाजपा सरकार ने क़ानून व्यवस्था के बिगड़ने की ज़िम्मेदारी नहीं ली है।
79. सत्तारूढ़ दल या गठबंधन की परवाह किए बिना, सरकारें क़ानून बनाकर देश के सुधार की दिशा में काम करती हैं। इन क़ानूनों पर उनके महत्व और प्रभावों के संबंध में व्यापक बहस, विचार-मंथन और गंभीर तर्क-वितर्क होते हैं। अपराधिक कानून और सीईसी एवं चुनाव आयुक्तों के चयन जैसे प्रमुख विधेयक संसद में पारित कर दिए गए। जबकि 146 विपक्षी सांसद सरकार के तानाशाही रवैये से निलंबित होने के चलते संसद में थे ही नहीं।
80. डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट) ने वर्तमान पीढ़ी के डेटा की सुरक्षा की है और पूरी दुनिया में इस पर दिलचस्पी दिखाई है। राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे आधारों पर सरकार द्वारा डेटा प्रोसेसिंग में छूट के कारण ज़रूरत से ज़्यादा, डेटा संग्रह, प्रसंस्करण और संग्रहण हो सकता है। इससे निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो सकता है।
81. हाशिये पर रहने वाली जातियां (दलित, ओबीसी, आदिवासी) गरीब समर्थक योजनाओं की सबसे बड़ी लाभार्थी हैं। 2021 के वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार, भारत की 28.3 करोड़ अनुसूचित जाति आबादी में से लगभग 33.3% गरीबी में जी रहे हैं।
82. महिलाओं और दलितों पर अत्याचार अस्वीकार्य है। 2013 से 2022 तक दलितों और आदिवासियों के ख़िलाफ़ अपराध 48% बढ़ गए हैं।
83. मोदी सरकार ने दलितों और वंचित जातियों पर अत्याचार के ख़िलाफ़ कानूनों को मज़बूत किया। पिछले पांच वर्षों में, भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग/हाथ से मैला ढोने की अवैध और अमानवीय जाति - आधारित प्रथा (केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय) के कारण सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय 339 लोगों की जान चली गई।
84. हम एससी, एसटी और ओबीसी के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। केंद्र सरकार की स्वीकृत नौकरियों में एससी, एसटी, ओबीसी के लिए 5 लाख आरक्षित पद खाली पड़े हैं। ग्रुप ए की सरकारी नौकरियों में, उच्चतम स्तर पर केवल 13% एससी, 5.7% एसटी, और 16% ओबीसी हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पदों पर केवल 7.1% एससी, 1.6% एसटी और 4.5% ओबीसी हैं।
85. जब तक मोदी हैं, कोई आरक्षण नहीं छीन सकता। सरकारी नौकरियों में 10 लाख और पीएसयू में कई लाख रिक्तियां। सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है। ये कार्रवाई पिछले दरवाजे से आरक्षण छीन रही है।
86. आदिवासी कल्याण मोदी की गारंटी है। कुल 800,000 पेड़ काटे जा रहे हैं और सबसे घने जंगलों में से एक हसदेव जंगल में 1,70,000 हेक्टेयर जैव विविधता से समृद्ध भूमि अडानी को दी जा रही है, जो स्थानीय आदिवासी आबादी को विस्थापित और दबा रहा है।
87. मोदी सरकार में हाशिये पर पड़ी जातियां विकास के शिखर पर पहुंच रही हैं 71% एसटी परिवार और 49% एससी परिवार देश की सबसे ग़रीब 40% आबादी में आते हैं। पिछले 10 वर्षों में अनुसूचित जाति और सामान्य जाति के बच्चों की 5 वर्ष की आयु से पहले मृत्यु का अंतर बढ़ गया है। 2015-16 में, एससी में 5 साल की उम्र से पहले मरने वाले बच्चों की दर सामान्य वर्ग की तुलना में 20% अधिक थी। आज यह 45% है।
88. सबके लिए शिक्षा अखिल भारतीय शिक्षा सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार, एससी वर्ग का सकल नामांकन अनुपात 23.1%, एसटी का 18.9% और महिलाओं का 24.9% है, जो कि राष्ट्रीय औसत 27.3% से काफ़ी कम है। पिछले 5 वर्षों में एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के 13,626 छात्रों ने आईआईटी, आईआईएम और केंद्रीय विश्वविद्यालयों से पढ़ाई छोड़ दी।
89. हमें गर्व है कि एक आदिवासी माहिला भारत की राष्ट्रपति हैं। नई संसद या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया था।
90. हमने यह सुनिश्चित किया है कि समाज की विकास यात्रा में कोई भी व्यक्ति, कोई भी वर्ग छूट न जाए। केवल 20% एससी और ओबीसी तथा 12% एसटी के पास नियमित नौकरियां थीं। इसके उलट, कैज़ुअल श्रमिकों की श्रेणी में सामान्य वर्ग के केवल 11.2% श्रमिक थे। जबकि एससी, एसटी और ओबीसी में यह आंकड़ा सामान्य श्रेणी से कहीं बढ़कर क्रमश: 38%, 29% और 20% था।
91. 1987-88 में डिजिटल कैमरा रखते थे! साल 1990 में डिजिटल कैमरा पहली बार बाज़ार में आया था। जबकि उनका ये दावा भी है कि वो गरीब थे।
92. फारूख अब्दुल्ला के साथ एक कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने दावे के साथ कहा था कि उन्होंने कभी शादी नहीं की। चुनावी हलफनामे में जानकारी देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नरेंद्र मोदी को अपनी वैवाहिक स्थिति की जानकारी देनी पड़ी।
93. बालाकोट हमले के समय मौसम खराब था, इसलिए विशेषज्ञों ने हमले से मना किया था। बादल होने का राडार सिस्टम पर असर नहीं होता, लेकिन ख़राब मौसम विमान की क्षमता को कम ज़रूर करता है।
94. 1983 में “एंटायर पॉलिटिकल साइंस” में गुजरात विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया है। “एंटायर पॉलिटिकल साइंस” जैसा कोई विषय है ही नहीं है। गुजरात कोर्ट ने प्रधानमंत्री की इस अजीब डिग्री से संबंधित सभी जांचों पर रोक लगा दी है।
95. जब हम “गुप्त वंश” की बात करते हैं तो चंद्रगुप्त मौर्य की बात करते हैं। चंद्रगुप्त मौर्य 'मौर्य' वंश से संबंध रखते थे, न कि गुप्त वंश से।
96. मौसम में बदलाव का कारण जलवायु परिवर्तन नहीं बल्कि बुरे मौसम से लड़ने की हमारी क्षमता का कम होना है। ग्लोबल वार्मिंग एक सच है। 2022 में विश्व का तापमान औद्योगिक क्रांति के स्तर से 1.15 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा मापा गया था।
97. एक चायवाले को नाले में पाइप डालकर उससे बनने वाली गैस से चाय बनाते देखा। पूरी दुनिया में ऐसी कोई तकनीक है ही नहीं जो नाले की गैस से ईंधन बना सके।
98. मैं एक चायवाला था। एक आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा कि ऐसी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है जो ये साबित कर सके कि नरेंद्र मोदी बचपन में रेलवे प्लेटफॉर्म या रेल में चाय बेचा करते थे।
99. हम तो फ़क़ीर आदमी है, झोला उठाकर चल पड़ेंगे। प्रधानमंत्री की जीवन शैली किसी अरबपति से कम नहीं है।
100. सिकंदर को बिहार के लोगों ने हराया था। सिकंदर की सेना ने ना तो कभी गंगा को पार किया ना ही वो कभी बिहार के लोगों से हारी थी।
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मोदी की चुप्पी का मतलब: महिला पहलवानों को सड़कों पर घसीटा गया जबकि यौन शोषण का आरोपी भाजपा सांसद खुलेआम घूम रहा है।